क्या नाजायज़ बच्चे पुश्तैनी जायदाद के हकदार हो सकते हैं? ये सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है। भारत में जब एक मर्द और औरत शादी करते हैं, तो कानून की नज़र में वो पति-पत्नी बनते हैं, और उनके बच्चों को जायदाद में हक मिलता है। लेकिन कई बार लोग शादी के बाहर रिश्ते बनाते हैं, और उनसे जो बच्चे पैदा होते हैं, उन्हें समाज “नाजायज़” कहता है। तो क्या ऐसे बच्चों को अपने बाप-दादा की जायदाद में हिस्सा मिल सकता है? अगर आपको इसके बारे में नहीं पता, तो ये आर्टिकल पूरा पढ़ें। चलिए, आसान भाषा में समझते हैं!
नाजायज़ बच्चे कौन होते हैं?
नाजायज़ बच्चा वो कहलाता है, जिसके माँ-बाप की शादी कानून की नज़र में नहीं हुई हो। शादी के बाद पैदा हुए बच्चे “वैध” माने जाते हैं, लेकिन शादी से पहले या बाहर हुए बच्चे “नाजायज़” कहलाते हैं। हिंदू कानून में इन्हें इन हालातों में नाजायज़ माना जाता है:
- शादी जो कानून में मान्य न हो, उससे पैदा हुए बच्चे।
- शादी के बाहर किसी और से हुए बच्चे।
- दूसरी बीवी से पैदा हुए बच्चे, अगर पहली शादी खत्म न हुई हो।
क्या नाजायज़ बच्चों को जायदाद में हक मिलता है?
हिंदू मैरिज एक्ट (सेक्शन 16) के मुताबिक, नाजायज़ बच्चों के अधिकार साफ बताए गए हैं। अच्छी खबर ये है कि वो अपने माँ-बाप की खुद की कमाई हुई जायदाद में हकदार हो सकते हैं। लेकिन पुश्तैनी जायदाद—यानी जो बाप-दादा से चली आ रही हो—उसमें उनका कोई हक नहीं बनता। इसका कारण ये है कि पुश्तैनी जायदाद पूरे खानदान की होती है, और नाजायज़ बच्चे कानून में उस खानदान के हिस्से नहीं माने जाते। ये नियम हिंदुओं के अलावा सिख, जैन, और बौद्ध लोगों पर भी लागू होता है।
गार्डियन कौन होता है?
नाजायज़ बच्चों का कोई “नेचुरल गार्डियन” नहीं होता, क्योंकि उनकी माँ-बाप की शादी वैध नहीं मानी जाती। ऐसे में सिर्फ माँ को ही उनका गार्डियन माना जाता है, वो भी तब तक, जब बच्चा 5 साल का न हो जाए। बायोलॉजिकल बाप को गार्डियन का हक तभी मिलता है, अगर कोर्ट उसे दे।
मेंटेनेंस का हक
भारत में क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सेक्शन 125) के तहत नाजायज़ बच्चों को मेंटेनेंस का हक है। मतलब, माँ-बाप को उनके खर्चे उठाने पड़ेंगे, चाहे वो उन्हें छोड़ना चाहें या नहीं। ये कानून बच्चों को सपोर्ट करने के लिए बनाया गया है।
आखिरी बात
तो अब साफ है कि नाजायज़ बच्चे अपने माँ-बाप की पर्सनल जायदाद में हिस्सा ले सकते हैं, लेकिन पुश्तैनी जायदाद में उनका कोई हक नहीं। उम्मीद है, ये आर्टिकल आपके सवालों का जवाब दे पाया। कोई डाउट हो तो कमेंट करें, मैं जवाब ज़रूर दूंगा। अगले आर्टिकल तक, bye!