हाल ही में मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने और दो नए केंद्र शासित राज्यों के रूप में पुनर्गठन करने के बाद सोशल मीडिया नरेन्द्र मोदी और मुरली मनोहर जोशी की 1992 में श्रीनगर के लाल चौक में झण्डा फहराते हुए फोटोज और विडियो शेयर किए जा रहें हैं।
1992 में लाल चौक और नरेंद्र मोदी
तब मोदी भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता थे। मोदी भारतीय जनता पार्टी द्वारा निकली गयी राष्ट्रीय एकता यात्रा में शामिल थे। जो कन्याकुमारी से चलकर 26 जनवरी 1992 को श्रीनगर के लाल चौक में तिरंगा झंडा फहराने के बाद खत्म हुई।
तब जम्मू कश्मीर के हालात बहुत खराब थे। अलगाववादीयों द्वारा आये दिन हिंसा की घटनाएं होती थी। तब मोदी और जोशी जी की टीम कड़ी सुरक्षा के बीच लाल चौक में तिरंगा फहराया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले भी धारा 370 के खिलाफ आंदोलन में करते रहें हैं। जब वह भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता थे। मोदी जी की एक और फ़ोटो वायरल हो रही है जिसमे वह धरने पर बैठे नज़र आ रहें है। और पीछे पोस्टर में धारा 370 हटाओ का नारा लिखा है। और अब मोदी ने प्रधानमंत्री रहते हुए इस काम को पूरा किया। लेकिन तब मोदी को भी नहीं पता रहा होगा कि एक दिन वे भारत के प्रधानमंत्री बनकर इस काम को पूरा करेंगे।
तो क्या मोदी को इस बार फिर 15 अगस्त को लाल चौक में तिरंगा झंडा फहराना चाहिए
आज केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार हैं। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हट गयी है। और जम्मू कश्मीर, लद्दाख और जम्मू कश्मीर दो केंद्र शासित राज्यों में बट गया है। और भारतीय सेना ने अलगाववादीयों की कमर तोड़ दी है।
पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में हुए इस बदलाव से बौखलाया हुआ है। नरेन्द्र मोदी को लाल चौक में एक बार फिर झंडा फहराकर इतिहास को दोहराना चाहिए। सोशल मीडिया में भी इस बात की मांग उठ रही है।