जैसा कि आप लोगों को मालूम है कि रेप गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और Rape करने वाले लोगों को सख्त सजा कोर्ट के द्वारा दी जानी चाहिए। अभी भी हमेशा लोगों के मन में सवाल आता है कि भारत में रेप की सजा क्या है क्योंकि कई मामलों में देखा गया है कि रेप के आरोपी को उम्र कैद या फांसी की सजा दी जाती है।
हालांकि भारत में रेप की सजा क्या है उसके बारे में कई प्रकार की धारा है और कानूनी प्रक्रियाएं हैं जिसके अंतर्गत रेप करने वाले व्यक्ति को कोर्ट सजा सुनाती है अगर आप उसके बारे में पूरी जानकारी चाहते हैं तो हमारे साथ आर्टिकल पर बने रहे हैं आईए जानते हैं-
भारत में रेप की सज़ा क्या है?
भारत में रेप की सजा क्या है उसके संबंध में भारतीय संविधान में निम्नलिखित प्रकार की धाराएं निर्धारित की गई है जिसके मुताबिक कि उन्हें सजा कोर्ट के द्वारा दी जाती है जिसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं आए जानते हैं-
आईपीसी की धारा 376 क्या है?
रेप में आईपीसी धारा 376 के तहत बलात्कार करने वाले व्यक्तियों को कोर्ट के द्वारा सजा सुनाई जाती है। इस धारा के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी महिला के साथ जबरन यौन संबंध बनाता है तो उसके ऊपर case चलाया जाता है और अगर उस पर आरोप साबित हो जाता है तो कोर्ट उसे 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा सुना सकती है।
आईपीसी की धारा 376 के अंतर्गत क्या सजा है?
भारतीय कानून में आईपीसी की धारा 376 के अंतर्गत बलात्कारी को कम से कम 7 साल की सजा दी जाती है।और यदि व्यक्ति ने किसी नाबालिक का रेप किया है तो उसे 10 साल की सजा दी जाती है। और यदि नाबालिक की उम्र 12 साल से कम है या सामूहिक बलात्कार और कई मामलों में उम्र कैद से लेकर मृत्युदंड भी दिया जाता है।
आई.पी.सी. की धारा 375 परिभाषित करती है दुष्कर्म को
आईपीसी की धारा 375 के द्वारा दुष्कर्म को परिभाषित किया गया है इसके मुताबिक अगर कोई भी पुरुष किसी महिला के साथ उसकी इच्छा के विरोध अगर उसे डरा धमकाकर इसके अलावा दिमागी रूप से कोई महिला कमजोरी या पागल है या कोई व्यक्ति महिला को धोखा दे रहा है।
महिला के शराब या नशीले पदार्थ के कारण होश में नहीं होने पर संभोग करता है, उसे बलात्कार कहा जाएगा इसमें चाहे किसी भी कारण से आपने उसे महिला के साथ संभोग किया हो कानून की नजर में उसे बलात्कार माना जाएगा।
इसके अलावा यदि महिला की उम्र 18 वर्ष से कम है और उसके सहमति या बिना सहमति से भी अगर आप उसके साथ संभोग करते हैं तो उसे भी कानून बलात्कार मानता है। इस अपराध को अलग-अलग हालात और कैटिगरी के हिसाब से भारतीय दंड संहिता में 376, 376 (क), 376 (ख), 376 (ग), 376 (घ) के रूप में विभाजित किया गया है।
निष्कर्ष: उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल आपको पसंद आएगा आर्टिकल संबंधित अगर आपका कोई भी सुझाव है तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर पूछ सकते हैं उसका उत्तर हम आपको जरूर देंगे तब तक के लिए धन्यवाद !