संपत्ति एक ऐसी चीज है जिसे लेकर लोगों के मन में अलग-अलग सवाल होते हैं, और उनके जवाब को तलाशने की कोशिश वो लगातार इंटरनेट पर आकर करते हैं। हम आपको बता दें कि भारतीय कानून में संपत्ति का अधिकार को लेकर अलग-अलग प्रावधान, और कानून है। और घर के सभी सदस्यों के लिए अलग प्रकार के नियम और कानून को भारतीय संविधान में लिखा गया हैं।
यदि आप किसी घर की बहू है तो आपके मन में सवाल आता होगा कि, आपके ससुर के प्रॉपर्टी में आपका कानूनी अधिकार कितना है। और आप किस प्रकार अपने ससुर के प्रॉपर्टी पर कानूनी क्लेम कर सकती हैं। अगर आप भी इस सवाल का जवाब नहीं जानती हैं तो आप बिल्कुल सही वेबसाइट पर आ गई हैं। आज हम आपको बताएंगे कि बहू के क्या अधिकार हैं, खासकर ससुराल के घर और संपत्ति में उसका कितना हक है और इस बारे में कानून क्या कहता है?
क्या बहू का ससुर की संपत्ति में अधिकार है?
सास ससुर की संपत्ति में बहू का कोई अधिकार नहीं होता है क्योंकि सास ससुर के संपत्ति में उसके पति का अधिकार होता है। लेकिन अगर सास ससुर और उसके पति दोनों की मृत्यु हो गई है तो ऐसे में सास ससुर की संपत्ति में उसका अधिकार हो सकता है। लेकिन इसकी शर्त है कि उसके सास ससुर ने वसीयत कर के संपत्ति किसी दूसरे व्यक्ति को ना दे दिया हो। और अगर ऐसा है तो ऐसी स्थिति में बहु कोर्ट में उस फैसले को कोर्ट में चैलेंज नहीं कर सकती है। यहाँ तक कि बेटा भी माता-पिता के घर में तभी तक रह सकता है, जब तक कि माता-पिता की अनुमति हो। वह इसमें रहने के लिए कानूनी अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। यह उस स्थिति में, जब तक कि पिता ने स्वयं उक्त संपत्ति खरीदी ना हो।
अगर ससुराल वाले परेशान करे तो क्या करना चाहिए
पति के साथ सब बातें शेयर कर
आपके ससुराल में भले ही सास-ससुर या जेठ-जेठानी आपके साथ अच्छा व्यवहार न करें। लेकिन इसका गुस्सा अपने पति के ऊपर ना निकले और अपने पति के साथ सभी बातें आप शेयर करें और अगर कोई भी दुर्व्यवहार आपके साथ ज्यादा हो रहा है तो इस बात की जानकारी आप पति को फोन पर दे ताकि आप अपनी सुरक्षा कर पाए। अगर आपका पति कोई बात में आपका साथ न दे या कोई बात से सहमत न हो तो आप उनसे नाराज न हो, बल्कि बातचीत के साथ अपने पति को अपनी बात समझाएं।
आपकी बुराई पर न दे कोई जवाब
कुछ लोगो की आदत होती है अपनी बहु की किसी और के सामने बुराई करने की। आपको अगर मालूम चलेगी आपकी कोई शिकायत कर रहा है तो उसका कोई भी जवाब ना दे। कोई जवाब न देने की वजह से वो अपने आप आपकी तारीफ करने लगेंगे और उनको अपनी गलती का अहसास हो जायेगा।
घर का माहौल अच्छा बनाई रखें
शादी करके आप गए हो और आपको सब के मन में अच्छी जगह बनानी है, तो आप सबकी पसंद को जाने पहचाने और सबके पसंद का खाना बनाये और घर में हसी मजाक का माहौल बनाये रखिये।
अगर आपके सास ससुर आपके माता-पिता का नाम लेके मजाक उड़ाए तो आप बेचैन न होये। लेकिन उसे हंसी मजाक से उनके जवाब दे। ऐसा करने से कभी कभी घर का माहौल भी हल्का बन जाता है।
किसी और के सामने कोई बात न करें
अगर आप ससुराल में कोई बुलाता नहीं है, आप अपने ससुराल में खुश नहीं है तो यह बात किसी के सामने जाहिर न करें अगर आपके ससुराल वाले आपको किसी रिश्तेदार की शादी में आपको को साथ में ले जाये तो आप दूसरे के साथ अच्छे से पेश आओ। यह देखकर आपके ससुराल वाले भी खुश हो जायेगे।
अगर आप दुसरो के साथ घुल मिल जाएगी तो रिश्तेदार भी आपकी तारीफ करेंगे और आपके परिवार वाले भी आपसे अच्छा व्यवहार करने लगें
घरेलू हिंसा अधिनियम में सजा
बता दे कि भारत में महिलाओं के साथ होने वाली घरेलू हिंसा की रोकथाम के उद्देश्य से बनाया गया ये काफी लोकप्रिय अधिनियम हैं। घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 हैं। साल 2005 में भारतीय संसद द्वारा यह अधिनियम पारित किया गया था।
इस कानून के अंतर्गत कोई भी घरेलू महिला अपने पति या ससुराल वालों को पर घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करवा सकती है। एक माँ भी अपने पुत्रो पर एवं बहुओं पर घरेलू हिंसा मामला दर्ज करवा सकती है या अगर कोई भी व्यक्ति लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा है तो ऐसे में महिला पार्टनर अपने पुरुष पार्टनर के ऊपर घरेलू हिंसा का केस लगा सकती है।
इसके अलावा एक बेटी भी अपने माता-पिता पर घरेलू हिंसा का आरोप लगा सकती है। हम आपको बता दें यदि इस अधिनियम के अंतर्गत यदि कोई भी दोषी पाया जाता है, तो उसको भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 498ए के तहत घरेलू हिंसा के अपराध के लिए सजा के रूप में तीन साल की जेल की सजा, जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है। परिणामस्वरूप, पति या उसके रिश्तेदार पर एफआईआर दर्ज की जा सकती है।
ससुराल द्वारा चढ़ाई गई ज्वेलरी पर किसका हक होता है
जैसा कि आप लोग मालूम है कि जब किसी लड़की की शादी होती है तो ससुराल वालों के द्वारा उसे गहना दिया जाता है। ऐसे में सवाल आता है कि उन गहनों पर किसका हक होता है हम आपको बता दे कि उन गहनों पर लड़की का हक होता है, जिसे ससुराल वालों के द्वारा दिया गया है।
विधवा बहू के अधिकार
विधवा बहू के क्या अधिकार होते हैं तो हम आपको बता दें कि पति की मृत्यु के बाद पति के पैतृक और स्वयं अर्जित संपत्ति में उसका अधिकार होता है। ससुर के कोई भी संपत्ति यानी ससुर ने यदि कोई संपत्ति खरीदी है, और उसमें पूरा पैसा ससुर ने लगाया है तो ऐसी संपत्ति पर बहू का कोई अधिकार नहीं है। विधवा बहू को केवल कुछ शर्तों के तहत अपने ससुर से भरण-पोषण का अधिकार है, जैसा कि हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 में निर्धारित है।
ससुर की संपत्ति में विधवा बहू का अधिकार
ससुर की संपत्ति में विधवा बहू का क्या अधिकार होता है तो हम आपको बता दें कि ससुर के संपत्ति में उसका अधिकार तभी होगा अगर पति संपत्ति का अधिकार बहू को ट्रांसफर करता है। इसके अलावा पति के निधन पर बहू का अधिकार संपत्ति पर हो सकता है। हालांकि इसके लिए पति के पिता की मर्जी का होना आवश्यक है और अगर ऐसा नहीं है तो उसे कानून लड़ाई लड़नी पड़ेगी।
क्या सास बहू को बेदखल कर सकती है?
वयस्क व्यक्ति को अपनी संपत्ति से बेटे-बहू या रिश्तेदार को बेदखल कर सकती है। हम आपको बता दे कि इसके लिए केवल सास को एक प्रार्थना पत्र एसडीओ कोर्ट में दाखिल करना होगा जिसके आधार पर कोर्ट उसे व्यक्ति को संपत्ति से निष्कासन का आर्डर जारी कर सकती है। इस संबंध में कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि कोई भी सास अपनी शांति के लिए अपने घर से बहू को निकाल सकती है ताकि वह चैन से रह सके संयुक्त परिवार में संपत्ति के मालिक अपनी बहू को संपत्ति से भी बेदखल भी कर सकते हैं।
क्या बहू ससुर की संपत्ति पर दावा कर सकती है?
बहु ससुर के संपत्ति में दवा नहीं कर सकती है क्योंकि इसके संबंध में कई प्रकार के भारतीय कानून में नियम बनाए गए हैं जिसके मुताबिक यदि ससुर ने खुद कोई संपत्ति अर्जित किया है तो संपत्ति में बहू का कोई अधिकार नहीं है। इसके अलावा पैतृक संपत्ति में भी उसे अधिकार मिलेगा कि नहीं इस बात पर निर्भर करेगा कि ससुर की मर्जी है कि नहीं।
बहू को संपत्ति में क्या अधिकार है?
बहू का संपत्ति में कोई भी अधिकार नहीं होता है विशेष तौर पर ससुर द्वारा अर्जित की गई संपत्ति पर तो उसका एक भी प्रतिशत का अधिकार नहीं होता है। हालांकि अगर ससुर संपत्ति देना चाहे तभी जाकर बहू को संपत्ति मिल सकती है इसके लिए बहू कोर्ट में जाकर क्लेम नहीं कर सकती है, जब तक किसी महिला के पति का किसी संपत्ति में कोई अधिकार न हो, तब तक उक्त महिला का कोई अधिकार नहीं हो सकता। खासतौर पर ससुराल की संपत्ति के मामले में।
क्या एक पत्नी को अपने पति और ससुराल वालों की संपत्ति में कोई हक है?
एक पत्नी का अपने पति और ससुराल वाले के संपत्ति पर कितना हक होता है उसके संबंध में कानून में कई प्रकार के नियम और धाराएं बनाई गई हैं। हम आपको बता दें की शादी के बाद एक पत्नी का अपने पति के संपत्ति में हक होता है। लेकिन इसके अलावा पति के संपत्ति में पत्नी के अलावा घर के बाकी लोगों कभी अधिकार होता है।
सबसे महत्वपूर्ण बातें की यदि पति ने कोई भी संपत्ति खुद कमाई है तो ऐसे में उस पर केवल उसी का अधिकार होगा। यदि पति ने कोई वसीयत बनाया है तो उसके अंतर्गत पत्नी को संपत्ति का पूरा अधिकार मिल सकता है। हालांकि इसके लिए वसीयत में उसने अपनी पत्नी को नॉमिनी बनाया हो।
तो इसके अलावा पति के पैतृक संपत्ति में भी पत्नी का कोई अधिकार नहीं होता है क्योंकि यदि पति की मृत्यु हो जाए तो संपत्ति पति के पिता के पास रहेगी हालांकि पत्नी को घर से निकला नहीं जा सकता है। और ससुराल वालों को हर एक महीने एक आर्थिक गुजर देना होगा जिसका निर्धारण कोर्ट के द्वारा किया जाएगा। हम आपको बता दें कि यदि महिला का बेटा है तो उसके पूरे पति की संपत्ति पत्नी को मिल जाएगी।
पति की संपत्ति में पत्नी का कितना हिस्सा होता है?
पति के संपत्ति में पत्नी का कितना हिस्सा होता है तो हम आपको बता दे की पति के संपत्ति में पत्नी का कोई भी हिस्सा नहीं होता है, क्योंकि जब तक पति जीवित है पति के पास संपत्ति के पूरे अधिकार होते हैं और वह अपने मन के मुताबिक अपनी संपत्ति किसी को भी दे सकता है। इसके संबंध में पत्नी कोर्ट में जाकर क्लेम नहीं कर सकती है, क्योंकि पति के संपत्ति का पूरा मलिकाना पति के पास होता है। हालांकि पति की मृत्यु के बाद पति के संपत्ति पर पत्नी अपना दावा कर सकती है लेकिन इसके लिए उसे साबित करना होगा कि पति की संपत्ति का पूरा मालिकाना उसके पास है और पति ने वसीयत में उसका नाम डाला है।