गॉल ब्लैडर स्टोन के कारण, लक्षण और उपचार

प्रश्न यह है कि गॉल ब्लैडर स्टोन को बनने से रोका जा सकता था ? तो उत्तर है हाँ । इसके लिए गॉल ब्लैडर स्टोन क्या है , किसे अधिक बनता है यह समझना होगा।

गॉल ब्लैडर पेट में लिवर से लगी हुई एक छोटी सी पोटली नुमा अंग है, जहां से पित्त आंतों को पंहुचाया जाता है।

कभी कभी इसके द्रव्य में मौज़ूद अधिक कोलेस्ट्रॉल अथवा बाइल पिग्मेंट की अधिकता गालब्लेडर में पथरी का निर्माण कर देती है । गॉल ब्लैडर स्टोन छोटे मटर के दाने से लेकर गोल्फ़ बॉल जितने बड़े हो सकते हैं। और कभी कभार एक से अधिक बन सकते हैं।

★ कोई भी फैसला लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। यहाँ पर दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं। यह वेबसाइट आपको किसी भी प्रकार का फैसला लेने के लिए प्रेरित नही करती है।

किन्हें अधिक बनते हैं :-

इसे Five F कहा जाता है।

जिसका अर्थ है Family ( परिवार में अधिक होना)
Female : महिलाओं में अधिक होना

fair : व्हाईट रेस में अधिक पाया जाता है

fat : मोटापा , हाई कोलेस्ट्रॉल की वज़ह से एक रिस्क फैक्टर है । अधिक फैट वाली डाइट से भी स्टोन अधिक बनते हैं।

fertile : प्रेगनेंसी के समय ये अधिक बनते हैं। साथ ही
प्रेग्नेंसी कंट्रोल की हार्मोनल टैबलेट्स से भी स्टोन बनने की संभावना होती है।

Fourty : 40 वर्ष की उम्र के बाद की महिलाओं में अधिक होता है।

उपरोक्त कारणों के अत्तिरिक्त तेज़ी से वज़न कम करना बार-बार उपवास रखना भी गाल ब्लैडर स्टोन का कारण हो सकता है।

बचपन से होने वाली कुछ जन्मजात रक्त संबंधित बीमारियों जैसे – सिकल सेल एनीमिया में लाल रक्त कणिकाओं के टूटने से उत्पन्न अधिक बिलीरुबिन भी बच्चों में गाल ब्लैडर स्टोन का कारण बनता है।

लक्षण

अधिकांश गॉल ब्लैडर स्टोन बिना किसी लक्षण अथवा नुकसान पंहुचाये गॉल ब्लैडर में पड़े रहते हैं । कभी कभी व्यक्ति को आजीवन पता ही नहीं होता और किसी वज़ह से सोनोग्राफी में दिख जाते हैं। और इन बिना लक्षण के स्टोन के ट्रीटमेंट की भी कोई आवश्यकता नहीं होती लेकिन लक्षण उत्पन्न होने पर इलाज आवश्यक होता है । गॉल ब्लैडर स्टोन को घोलने या ख़त्म करने की कोई भी दवा नहीं होती। इसका इलाज मात्र गॉल ब्लैडर को निकाल देना होता है । जिससे मरीज़ को कोई भी नुकसान नहीं होता क्योंकि गॉल ब्लैडर आवश्यक अंग नहीं है।

लक्षण रहित होने पर कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं कुछ अपवादों को छोड़ कर जैसे ।

1. गॉल ब्लैडर पथरी के साथ मरीज़ को डायबिटीज भी हो। क्योंकि इन मरीजों में स्टोन की वज़ह से संक्रमण एवं जटिलताओं के उत्पन्न होने की अधिक संभावना होती है ।

2. प्रैग्नेंसी के पहले या शादी के पहले किसी लड़की में गॉल ब्लैडर स्टोन मिले तो गॉल ब्लैडर को निकाल देना बेहतर होगा क्योंकि गॉल ब्लैडर स्टोन के रहते प्रेग्नेंसी रखना सही नहीं होगा ।

3. किसी और वज़ह से यदि पेट की सर्जरी हो रही हो तब
लक्षण रहित स्टोन वाले गॉल ब्लैडर को भी निकाला जा सकता है मुख्य सर्जरी के साथ ही ।

4. किसी मरीज़ में छोटे छोटे अनेक स्टोन हों। क्योंकि इनमें कॉम्प्लिकेशन की संभावना अधिक होती है ।

लक्षण एवं जटिलताओं वाले स्टोन

बाइल की नली को अवरुद्ध कर पीलिया, पेट में तेज दर्द उत्पन्न कर सकते हैं।

वहीं स्टोन की वज़ह से गॉल ब्लैडर में संक्रमण भी हो सकता है।

कभी कभार पैंक्रियाज में भी संक्रमण हो सकता है।

इलाज न लेना इन स्थितियों में तक़लीफ़ देह होने के साथ ही जीवन के लिए भी खतरा उत्पन्न कर सकता है ।

इलाज में आरंभिक दर्द निवारक, ड्रिप, एंटीबायोटिक आदि दी जाती हैं। बाद में ऑपेरशन से थैली निकाल दी जाती है । सर्जरी अधिकांशतः काफी सुरक्षित होती हैं ।

रोकथाम

संतुलित आहार, व्ययाम, कोलेस्ट्रॉल न बढ़ने देना, तेज़ी से वज़न न घटा धीमे धीमे घटाना , बार बार उपवास न रखना, पारिवारिक हिस्ट्री होने पर गर्भ निरोधक की जगह अन्य उपाय अपनाना ।

क्या गॉल ब्लैडर स्टोन रेयर हैं

नहीं। गॉल ब्लैडर स्टोन काफी कॉमन हैं। जिनमें से कुछ ही लोगों की इलाज की आवश्यकता होती है।

लगभग 10 से 20 प्रतिशत लोगों को गॉल ब्लैडर स्टोन बनते हैं। जो कि अलग-अलग केस में अलग अलग हैं। एक शोध में पाया गया अमेरिका में लगभग 2 करोड़ लोगों को गॉल ब्लैडर स्टोन हैं ।

★ कोई भी फैसला लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। यहाँ पर दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं। यह वेबसाइट आपको किसी भी प्रकार का फैसला लेने के लिए प्रेरित नही करती है।

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